अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे लिरिक्स - Agar Nath Dekhoge Avagun Humare Lyrics

P Madhav Kumar

अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे लिरिक्स

अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥

पतितो को पावन करते कृपानिधि,
किए पाप है इस सुयश के सहारे,
अगर नाथ देखोंगे अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥

हमारे लिए क्यों देर किए हो,
गणिका अजामिल को पल में उबारे,
अगर नाथ देखोंगे अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥

ये माना अधम है अपावन कुटिल है,
सबकुछ है लेकिन प्रभु हम तुम्हारे,
अगर नाथ देखोंगे अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥

अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥

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