मैया तेरी कृपा से,
आंगन ये चहकता है,
जबसे तुमने पाया है,
तेरा नाम निकलता ह….
(तर्ज – ऐ मेरे दिल ए नादाँ तू गम से ना घबराना)
हम दिन दुखी फिरते,
दर-दर हम भटकते थे,
एक पहर के खाने को,
दीन रात तरस्ते थे,
कोई ना अपनाया,
बस तुमने संभाला है….
जबसे तेरी शरण मिली,
एक आस उम्मीद मिली,
मेरे जीवन को अब माँ,
तेरे प्यार से जीत मिली,
मेरी बाह पकड़ कर के,
चलना सिखलाया है….
तेरा दास ये गाता है,
अरदास लगाता है,
हम पर मोरी प्यारी माँ,
और इतनी कृपा करदो,
तेरे द्वार में आता रहु,
तुम्हें ढोक लगाता रहु….